Edited By Shailesh Shukla | एजेंसियां | Updated:
- पाकिस्तान में कोर्ट के अंदर जज के सामने अहमदी समुदाय के एक शख्स की हत्या
- घटना के दौरान के कोर्ट में मृतक पर ईशनिंदा से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी
- पेशावर शहर में हुई इस घटना में हमलावर ने मृतक ताहिर अहमद को 6 गोलियां मारीं
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में कोर्ट के अंदर ही न्यायाधीश के सामने ही अहमदी समुदाय के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के दौरान के अदालत में ईशनिंदा से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी। मृतक व्यक्ति ताहिर अहमद नसीम के ऊपर ईशनिंदा का आरोप था। घटना पाकिस्तान के पेशावर शहर की है। बताया जा रहा है कि हमलावर ने ताहिर को 6 गोलियां मारीं।
पुलिस ने बताया कि ताहिर अहमद नसीम को ईशनिंदा के आरोप में दो साल पहले गिरफ्तार किया गया था। उसे अदालत कक्ष में अतिरिक्त सत्र न्यााधीश शौकतुल्ला खान के सामने गोली मार दी गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह अदालत छावनी इलाके में अत्यधिक सुरक्षा वाले क्षेत्र में है। न्यायिक परिसर के मुख्य द्वारा और इसके अंदर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। बताया जा रहा है कि मृतक नसीम मानसिक बीमारी से ग्रस्त था।
हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि हथियारबंद हमलावर कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में कैसे घुस गया। पुलिस ने हत्यारे को अदालत कक्ष से गिरफ्तार कर लिया। घटना के दौरान मौके पर मौजूद रहे एक वकील ने बताया कि मृतक के खिलाफ ईश निंदा कानून के तहत एक मामला दर्ज था। हमला करने वाले की पहचान खालिद के रूप में हुई है। नसीम पर आरोप लगा था कि वह खुद को मसीहा मानता है।
अब तक 77 से ज्यादा अहमदी लोगों की हत्या
उधर, पुलिस ने अल जजीरा से कहा कि हत्यारे खालिद ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और उसने कहा है कि ईशनिंदा की वजह से उसने नसीम की हत्या की है। खालिद को घटनास्थल से अरेस्ट कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा अत्यधिक संवेदनशील मुद्दा है, जहां महज आरोप लग जाने पर ही आरोपी अक्सर भीड़ की हिंसा का शिकार बन जाता है।
अहमदी, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। पाकिस्तानी संसद ने 1974 में इसे गैर मुस्लिम समुदाय घोषित किया था। एक दशक बाद, इस वर्ग के लोगों को मुस्लिम कहे जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया। वर्ष 1990 के दशक से लेकर अब तक 77 से ज्यादा अहमदी समुदाय के लोगों ईशनिंदा के नाम पर हत्या कर दी गई है।