India-US Deal: हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों पर नजर रखने के लिए अमेरिका भारत को जल्द से जल्द MH-60-R हेलिकॉप्टर देना चाहता है। इसके लिए डील फरवरी में की गई थी।
Edited By Shatakshi Asthana | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- फरवरी में दोनों देशों में हुई थी MH-60 R हेलिकॉप्टर डील
- अमेरिका जल्द से जल्द भारत को करना चाहता है डिलिवरी
- 24 हेलिकॉप्टरों की डील अगले साल की शुरुआत में मुमकिन
- हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों के मद्देनजर अहम है डील
वॉशिंगटन
भारत और चीन में तनावूपर्ण स्थिति के बीच अमेरिका भी चीन की हरकतों पर नजर रख रहा है। खासकर सैन्य क्षेत्र में चीन के खिलाफ वह भारत का साथ दिख रहा है। इसी कड़ी में हिंद महासागर में चीन की पनडुब्बियों की चुनौती का सामने करने की क्षमता भारत को मिल सके, इसके लिए अमेरिका सबमरीन का शिकार करने वाले अपने MH-60-R हेलिकॉप्टर की डिलिवरी अगले साल की शुरुआत में कर सकता है।
फरवरी में हुआ था ऐलान
24 हेलिकॉप्टरों की डील का ऐलान फरवरी में किया गया था। हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की बढ़ती सक्रिया के मद्देनजर यह डील सैन्यशक्ति के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है। हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन के अधिकारी विलियम एल ब्लेयर ने द ट्रिब्यून को बताया है कि यह बिक्री विदेशी मिलिट्री सेल के जरिए हो रही है। अमेरिका डिलिवरी जल्द से जल्द देने पर काम कर रहा है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल की शुरुआत में डिलिवरी कर दी जाएगी।
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अमेरिका को है जल्दी
ब्लेयर से जब यह सवाल किया गया कि क्या भारत को चीन के साथ बढ़ते तनाव की वजह से जल्दी डिलिवरी चाहिए, इस पर ब्लेयर ने कहा, ‘हमें भी जल्दी है। फरवरी में समझौता साइन हुआ था। यह डिलिवरी की रेकॉर्ड स्पीड होगी।’ फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जॉइंट कॉन्फ्रेंस में इस डील का ऐलान किया था।
बेहद अडवांस्ड हेलिकॉप्टर
MH-60-R जैसा जंग लड़ने की क्षमता वाला ऐंटी-सबरमीन SONAR हेलिकॉप्टर सेना के लिए बेहद अहम है। भारत को ज्यादा इंजन, खास मिसाइलों और Mk-54 टॉरपीडो की जरूरत थी। ब्लेयर ने बतया है कि कंपनी F-16 फाइटर जेट्स की विंग असेंबली भी हैदराबाद शिफ्ट करना चाहती है। इस साल के अंत तक यह काम भी पूरी किया जाने की संभावना है।