Edited By Shatakshi Asthana | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर चीन की क्रूरता
- महिलाओं का जबरन अबॉर्शन कराया जा रहा है
- बच्चे का पता चलने पर पति को सालों की जेल
- डिटेंशन कैंप में डाले गए लोग अब तक लापता
पेइचिंग/इस्तांबुल
चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ देश की कम्युनिस्ट पार्टी के अत्याचारों की कहानियां हर रोज सामने आ रही हैं। चीन पर आरोप है कि वह इस समुदाय की आबादी को कम करना चाहता है और उनकी संस्कृति को बदलना चाहता है। आबादी पर नियंत्रण के लिए जो खौफनाक तरीके यहां अपनाए जा रहे हैं, एक ताजा रिपोर्ट में उसे जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
चीन से जान बचाकर इस्तांबुल पहुंचीं महिलाओं पर डेलीमेल के लिए ईयन बेरिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन में उइगर मुस्लिम महिलाएं अगर गर्भवती पाई जाती हैं तो उन्हें जबरदस्ती अबॉर्शन कराना पड़ता है। उन्हें और बच्चों की इजाजत नहीं होती। उन्हें दो बच्चों की इजाजत है और इससे ज्यादा बच्चे होने पर उन्हें माता-पिता छिपाकर रखते हैं। ऐसे हालात से बचने के लिए लोग पलायन करने लगते हैं।
पति को 15 साल की जेल
आमिना ममतिमिन बताती हैं कि जब वह 5वीं बार गर्भवती हुईं तो उन्होंने बच्चे के जन्म के लिए देश छोड़ने का फैसला कर लिया। जब उन्होंने पासपोर्ट का आवेदन किया तो सिर्फ उनका और उनकी सबसे छोटी बेटी का पासपोर्ट ही एक्सेप्ट हुआ। वह अपने अजन्मे बच्चे को बचाने के लिए इस उम्मीद में देश छोड़कर तुर्की चली गईं कि बाकी परिवार बाद में आ जाएगा लेकिन चीनी अधिकारियों ने उनके पति को 15 साल के लिए जेल में डाल दिया।
पीरियड्स पर भी नजर
इसके बाद उनके पति उन डिटेंशन सेंटर्स में गायब हो गए जिसे चीन वोकेशनल एजुकेशन सेंटर बताता है। आमिना को न यह पता है कि उनके पति कहां हैं और न ही बाकी तीनों बच्चों के बारे में। ईयन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘अस्पताल में उइगर महिलाओं से बच्चों की सफल डिलिवरी के बाद स्टेरलाइजेशन कराने के लिए पेपर साइन कराए जाते हैं।’ यहां तक कि अधिकारी महिलाओं के पीरियड्स पर भी नजर रखते हैं ताकि गर्भ का पता चल सके।
जबरन अबॉर्शन, भ्रूण हत्या
एक अन्य महिला ने बताया कि उनकी भाभी की दूसरी डिलिवरी से पहले डॉक्टर उनके घर आए और चेक अप के बहाने अस्पताल ले गए। वहां जाकर बताया कि बच्चे की गर्भ में मौत हो चुकी थी इसलिए अबॉर्शन कर दिया। इसके बाद जब वह फिर गर्भवती हुईं और अधिकारियों के पता चला तो पति को 4 साल की जेल हो गई। इन अस्पतालों में से एक में काम करने वाली नर्स ने ईयन को बताया है कि उन्होंने जबरन कराए जाने वाले कम से कम 90 अबॉर्शन देखे। कभी गोलियां खिलाकर तो कभी इंजेक्शन देकर। यहां तक कि अगर बच्चा विकसित भी हो चुका हो, तो डॉक्टर उसे परिवार को नहीं सौंपते।
उइगर आबादी कंट्रोल करने की कोशिश
नर्स ने यह भी बताया कि ऐसा सिर्फ उइगर महिलाओं के साथ किया जाता था, चीनी महिलाओं के साथ नहीं। पहले देश में एक बच्चे की नीति थी लेकिन जब यह नीति खत्म हो गई उसके बाद भी उइगरों के खिलाफ अत्याचार जारी रहे। ईयन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कई परिवार बच्चों को बचाने के लिए रिश्वत देने को मजबूर थे कई घर छोड़कर भागने को। एक डॉक्टर ने बताया कि कई बार वह बच्चों की रिपोर्ट में लिख देती थीं कि वह बोल-सुन नहीं सकता। इससे परिवार को दूसरा बच्चा करने की इजाजत मिलती है।
प्रतीकात्मक तस्वीर